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है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं लिरिक्स
Hai Prem Jagat Me Saar Aur Kachu Saar Nahi
है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं लिरिक्स (हिन्दी)
है प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
मीरा का इकतारा गाता,
प्रेम में विष अमृत बन जाता,
है प्रभु का प्रेम आधार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
शबरी के घर भी आ जाये,
प्रेम में झूठे बेर भी खाए,
है प्रभु पे प्रेम निसार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
प्रेम अगर भक्ति बन जाता,
राधा सी शक्ति बन जाता,
प्रेम जीवन का श्रृंगार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
मेवा और मिष्ठान ना भाया,
साग विदुर के घर का खाया,
सिंधु कर लो खूब विचार,
और कछु सार नहीं,
हैं प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
है प्रेम जगत में सार,
और कछु सार नहीं।।
Singer Pujya Sheeghrta Tripathi Ji
है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं Video
है प्रेम जगत में सार और कछु सार नहीं Video
► Song Credit:
► Song: Hai Prem Jagat Mein Saar
► Singer: Pujya Sheeghrta Tripathi Ji
► Lyrics: Traditional
► Music: Lovely Sharma
► Blessing: Acharya Shrikant Tripathi Ji
► Recording Studio: Smart Digital ( 9711868600 / 8700635937 )
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► Label: Supertone Digital