मनक जनम की मौज फेर नहीं आवे लिरिक्स
Manak Janam Ki Mauj Fer Nahi Aave
मनक जनम की मौज फेर नहीं आवे लिरिक्स (हिन्दी)
मनक जनम की मौज,
फेर नहीं आवे,
ओर नहीं आवे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल,
ओर की सावे।।
आसन पदम लगाय,
एक धुन लाया,
एक धुन लाया,
म्हारी सुरता सुहागन नार,
ज्ञान घर पावे।।
ऊन मुन की सेरीया पर,
सुरत म्हारी जावे,
सुरत म्हारी जावे,
या करोड़ भान परकाश,
सुन घर पावें।।
त्रिवेणी की तीर,
संत कोई नावें,
संत कोई नावें,
जारा कटे करम का,
किट पाप झड़ जावे।।
गावे गणेश खरवाल,
अमर पद पावे,
अमर पद पावे,
कहता घीसा लाल,
मोक्ष पावे।।
मनक जनम की मौज,
फेर नहीं आवे,
ओर नहीं आवे,
म्हारा सतगुरु दीनदयाल,
ओर की सावे।।
मनक जनम की मौज फेर नहीं आवे Video
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