मथुरा जाउंगी सखी भजन लिरिक्स
Mathura Jaungi Sakhi
मथुरा जाउंगी सखी भजन लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: वृन्दावन जाउंगी सखी।
मथुरा जाउंगी सखी,
मैं मथुरा जाउंगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी।।
रात अँधेरी छाई घनी,
और वर्षा मुसलधार,
मथुरा जेल में जनम लिए,
भक्तो के तारणहार,
उस तारणहार श्याम पे मैं,
बलिहारी जाउंगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी।।
वासुदेव और मात देवकी,
बड़े हर्षाए है,
रख के छाज में लाल को अपने,
गोकुल धाए है,
गोकुल में नन्द बाबा के घर,
मैं जाय खिलाऊंगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी।।
ढोल नगाड़े बजे खूब,
बंट रही मिठाई है,
झूल रहे पलने में मेरे,
कृष्ण कन्हाई है,
मैं झूम झूम के भावना के,
भजनो को गाउंगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी।।
मथुरा जाउंगी सखी,
मैं मथुरा जाउंगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी,
वहां जन्मे है घनश्याम,
श्याम के दर्शन पाऊँगी।।
मथुरा जाउंगी सखी भजन Video
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