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मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी गोरक्ष नाथजी भजन लिरिक्स
Mhari Vaani Mhara Satguru Jaani
मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी गोरक्ष नाथजी भजन लिरिक्स (हिन्दी)
मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी,
गोरख जी आया जिण दिन,
पवना पाणी ओ जी।।
अंड नहीं होता दाता पंड नहीं होता,
जल पवन का बीज नहीं होता।।
धरती बरसे दाता अंबर भिंजे,
निवालिया को पाणी बलिन्डा में छिजे।।
भेंस बिलोवे दाता खूंटों दुजे,
उबोडो़ पाडियो कोगत देखे।।
धोबीडो़ धोवे दाता सिला निचोवे,
धोबी की गांठ दाता कपडा बांधे।।
ईण नंगरी में दाता तेलण राणी,
घाणी करे दाता बिना बल्द पाणी।।
मछेन्दर प्रताप जती गोरख बोले,
उल्टी बाणी ने सुल्टी कर खोले।।
मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी,
गोरख जी आया जिण दिन,
पवना पाणी ओ जी।।
मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी गोरक्ष नाथजी भजन Video
मारी बाणी मारा सतगुरु जाणी गोरक्ष नाथजी भजन Video
गायक प्रकाश नाथ जी मियाला।
प्रेषक प्रहलाद नाथ योगी।
9571438243