Contents
धन्य हुई सांवेर की धरती जहाँ लगे दरबार तुम्हारा लिरिक्स
Dhanya Huyi Sanwer Ki Dharti
धन्य हुई सांवेर की धरती जहाँ लगे दरबार तुम्हारा लिरिक्स (हिन्दी)
उल्टे है हनुमान जहाँ,
चोला सिंदूरी धारा,
धन्य हुई सांवेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा।।
त्रेता मे लाँगूर यहीं,
पाताल विजय कर आया,
इस कलयुग में भी हम सब पर,
है इनका ही साया,
इनकी दया दृष्टि में आया,
ये सांवेर हमारा,
सबका रक्षक सबका सहारा,
बन गया राम दुलारा,
धन्य हुई साँवेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा।।
इनकी भक्ति के सच्चे,
अदभुत ये रंग रहेंगे,
कलयुग मिट जायेगा पर,
मेरे बजरंग रहेंगे,
सेवक बलशाली इन जैसा,
होगा अब ना दोबारा,
मुझको अपनी सेवा देके,
मेरा जन्म सुधारा,
धन्य हुई साँवेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा।।
रामायण इतिहास तुमने,
जग में अमर कर डाला,
जय उल्टे हनुमान महाप्रभु,
जय हो बजरंग बाला,
चंदा सूरज से ज्यादा,
तेरे नाम का है उजियारा,
दुनिया तरसे तेरे लिए,
संजय तरसे तेरे लिए,
हमें होता दर्श तुम्हारा,
धन्य हुई साँवेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा।।
उल्टे है हनुमान जहाँ,
चोला सिंदूरी धारा,
धन्य हुई सांवेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा।।
धन्य हुई सांवेर की धरती जहाँ लगे दरबार तुम्हारा Video
धन्य हुई सांवेर की धरती जहाँ लगे दरबार तुम्हारा Video
Browse all bhajans by Sanjay Singh Chouhan