बाले राम रतन धन खेती देसी भजन लिरिक्स
Baale Ram Ratan Dhan Kheti
बाले राम रतन धन खेती देसी भजन लिरिक्स (हिन्दी)
बाले राम रतन धन खेती,
होग्या बाल सपेती रे थारा,
होग्या बाल सपेती,
बालें राम रतन धन खेती।।
बालपणा से चेत बिरा,
मतना कर रे पचेती,
भावो बीज करो रखवाली,
आवे साईं शेती,
बालें राम रतन धन खेती।।
कबीर बैराग का बेल बना ले,
करड़ी खांच ले जोती,
पातीं ढाल न काढो ऊमरा,
ओह्म सोहम जप होती,
बालें राम रतन धन खेती।।
हो होशियार सावरी संभालो,
बणो रे गुरां का गोती,
सत्संगत की राखो झुर्रियां,
तब नमज ले खेती,
बालें राम रतन धन खेती।।
सत पुरुषा की बाणी लुटो,
पुरा बणोन डकेती,
ओमप्रकाश केव जिज्ञासु,
बिना रे पसल रेवली थोती,
बालें राम रतन धन खेती।।
बाले राम रतन धन खेती,
होग्या बाल सपेती रे थारा,
होग्या बाल सपेती,
बालें राम रतन धन खेती।।
गायक जीवराज जी महाराज बोराड़ा।
बाले राम रतन धन खेती देसी भजन Video
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