जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

Immerse yourself in the soothing melodies of devotion with ‘Jab Sir Pe Guruji Ka Hath’, a heartfelt Hindi bhajan sung by the revered Gopal Bhai. This soulful rendition, ‘जब सर पे गुरु जी का हाथ’, is a poignant expression of the transformative power of a guru’s guidance. As the lyrics beautifully convey, when the guru’s hand is on our head, our worries and fears dissipate, replaced by an unshakeable sense of peace and trust.

Let the serene atmosphere of this bhajan, presented by Hansvani, envelop you in a sense of calm and spiritual connection.

जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की लिरिक्स (हिन्दी)

जब सिर पे गुरु जी का हाथ,

दोहा गुरू समरथ सिर पर खड़े,
कहा कमी तोहि दास,
रिध्दि सिध्दि सेवा करै,
मुक्ति न छाड़ै पास।
गुरु की आज्ञा वही,
और गुरु की आज्ञा जाए,
कहे कबीर ता दास को,
तीन लोक भय नाहि।

जब सिर पे गुरु जी का हाथ,
फिर मन तोहे चिंता काहे की,
फिर मन तोहे चिंता काहे की,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

गुरु अपनी शरण लगाए लेंगे,
चरणों में तुझे बिठाये लेंगे,
और ऐसे है दीन दयाल,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

मेरे सतगुरु मथुरा काशी है,
सत चेतन घन आनंद राशि है,
और ऐसे है गरीब नवाज़,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

भव सागर एक नदियाँ गहरी,
इसमें डूब रहे नर नारी,
तेरा बेडा करेंगे पार,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

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हंस वंश का लगा है मेला,
गुरु पूजा की यही शुभ बेला,
अब आ गए हंस के लाल,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

जब सर पे गुरु जी का हाथ,
फिर मन तोहे चिंता काहे की,
फिर मन तोहे चिंता काहे की,
फिर मन तोहे चिंता काहे की।।

जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की Video

जब सिर पे गुरु जी का हाथ फिर मन तोहे चिंता काहे की Video

स्वर गोपाल भाई। मानव उत्थान सेवा समिति।

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