यदि ह्यहं न वर्तेयं जातु कर्मण्यतन्द्रितः । मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥
यदि ह्यहं न वर्तेयं जातु कर्मण्यतन्द्रितः । मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥

यदि ह्यहं न वर्तेयं जातु कर्मण्यतन्द्रित: |
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्या: पार्थ सर्वश: || 23||

yadi hyahaṁ na varteyaṁ jātu karmaṇyatandritaḥ
mama vartmānuvartante manuṣhyāḥ pārtha sarvaśhaḥ

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भावार्थ:

क्योंकि हे पार्थ! यदि कदाचित्‌ मैं सावधान होकर कर्मों में न बरतूँ तो बड़ी हानि हो जाए क्योंकि मनुष्य सब प्रकार से मेरे ही मार्ग का अनुसरण करते हैं॥23॥

Translation

For if I did not carefully perform the prescribed duties, O Parth, all men would follow my path in all respects.

English Translation Of Sri Shankaracharya’s Sanskrit Commentary By Swami Gambirananda

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