मयि सर्वाणि कर्माणि सन्नयस्याध्यात्मचेतसा ।निराशीर्निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः ॥
मयि सर्वाणि कर्माणि सन्नयस्याध्यात्मचेतसा ।निराशीर्निर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वरः ॥

मयि सर्वाणि कर्माणि संन्यस्याध्यात्मचेतसा |
निराशीर्निनर्ममो भूत्वा युध्यस्व विगतज्वर: || 30||

mayi sarvāṇi karmāṇi sannyasyādhyātma-chetasā
nirāśhīr nirmamo bhūtvā yudhyasva vigata-jvaraḥ

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भावार्थ:

मुझ अन्तर्यामी परमात्मा में लगे हुए चित्त द्वारा सम्पूर्ण कर्मों को मुझमें अर्पण करके आशारहित, ममतारहित और सन्तापरहित होकर युद्ध कर॥30॥

Translation

Performing all works as an offering unto me, constantly meditate on me as the Supreme. Become free from desire and selfishness, and with your mental grief departed, fight!

English Translation Of Sri Shankaracharya’s Sanskrit Commentary By Swami Gambirananda

See also  Bhagavad Gita: Chapter 11, Verse 34

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