mein barsane ki chori
मैं बरसाने की छोरी, ना कर मोते बरजोरी
तू कारो और मैं गोरी, अपनों मेल नहीं
मैं तोसे बांधू प्रीत की डोरी, करता fail नहीं
शुक्र कारो की पड़े नहीं यशोदा मैया के डंडे
एक डांट में है जाते अरमान तुम्हारे ठन्डे
मैं नन्द बाबा का लाला मैं तो ना डरने वाला
तेरा पड़ा हैं मोसे पाला करता खेल नहीं
मैं गुजरी तू गवाला, अपनों मेल नहीं
मैं बरसाने की छोरी…
जहाँ जहाँ मैं जाती हूँ क्यों पीछे पीछे आए
तेरो मेरो मेल नहीं, यह कौन तुम्हे समझाए
तू मुझको ना पहचानी, पिया घाट घाट का पानी
मैं दरिया हूँ तूफानी करता खेल नहीं
अरे ना कर मोसू छैतानी, अपनों मेल नहीं
मैं बरसाने की छोरी…
ऐसी वैसी नार नहीं क्यों मोपे डोरे डाले
बीच डगर में छोड़ सतानो, ओ गोकुल के ग्वाले
मेरा रोज का आना जाना, नरसी का माखन खाना
‘शर्मा’ है श्याम दीवाना करता खेल नहीं
अरे तू गोकुल मैं बरसानो, अपनों मेल नहीं
मैं बरसाने की छोरी…
https://youtu.be/AFeMSkKcINo