Chet Re Gumani Jag Main
चेत रे गुमानी जग मे जनम ना मिले रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले
दस तु खोया खेल कूद मे
बीस गया योवन की धुल में
चालीस तक त्रियाँ संग खेलयो
होहोहोहोहोहो
चालीस तक त्रियाँ संग खेलयो
पिछपन हाथ मले रे
माया संग ना चले…
चेत रे गुमानी जग मे जनम ना मिले रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले
साही गयी सफ़ेदी आयी, तन की खाल सिकुड़ सब जायी
बंदर के जिया मुख हो जाए,
होहोहोहोहोहो
बंदर के जिया मोख हो जाए
डगमग नाड्ड हिले रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले
चेत रे गुमानी जग मे जनम ना मिले रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले
तु कहता है तेरा मेरा
ओ मनमुरक कुछ नहि तेरा
आख़िर है परलोक मे डेरा
होहोहोहोहो
आख़िर है परलोक मे डेरा
कहत कबीर पढ़े रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले
चेत रे गुमानी जग मे जनम ना मिले रे
माया संग ना चले रे माया संग ना चले…