Best Krishna Bhajan - Jab koi Taklif
Best Krishna Bhajan - Jab koi Taklif

Yeh baba mor chadi wala Khatushyam

जब कोई तकलीफ सताए जब जब मन घबराता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया सर पे हाथ फिराता है

लोग ये समझे मैं हूँ अकेला मेरे साथ कन्हैया है
लोग ये समझे डूब रहा में चल रही मेरी नैया है
जब जब लहरें आती है ये खुद पतवार चलाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया…

जिनके आंसूं कोई ना पोछें कोई ना जिनसे प्यार करे
जिनके साथ ये दुनियां वाले मतलब का व्यव्हार करे
दुनियां जिसको ठुकराये उसे ये पलकों पे बिठाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया…

प्रेम की डोर बंधी प्रीतम से जैसे दीपक बाती है
कदम कदम पर रक्षा करता ये सुख दुःख का साथी है
‘संजू’ जब रस्ता नहीं सूझे प्रेम का दीप जलाता है
मेरे सिरहाने खड़ा कन्हैया…

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