Mhare Sirpar Hai – Khatushyam Bhajan by Sanju Sharma
म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ,
खाटू वाले रो साथ कोई तोह म्हारे काई करासी,
जो कोई म्हारे श्याम धनि ने सांचे मन से ध्यावे,
काल कपाल भी सांवरिये के भगत से घबरावे,
जे कोई पकड्यो है बाबा जी रो हाँथ कोई तोह बांको काई करासी,
म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ…..
जो आपके विस्वास करे वो खुटी तान के सोवे,
बैठे प्रवेश करे न कोई बाल न बांका होवे,
जानके मन में नहीं है विस्वास बांको तोह बाबा काई करासी,
म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ…..
कलियुग को यो देव बड़ो दुनिया में नाम कमायो,
जब जब भीड़ पड़ी भगत पर डारयो डारयो आयो,
यो तोह घाट घाट की जाने सारी बात कोई तोह म्हारो काई करासी,
म्हारे सर पे है बाबा जी रो हाँथ…..