“Baje Re Muraliya Baje” – Lord Krishna Bhazan
बाजे रे मुरलिया बाजे।
अधर धरे मोहन मुरली पर,
होंठ में माया बिराजे॥
बाजे रे मुरलिया बाजे॥
हरे हरे बांस की बनी मुरलिया,
मर्म मर्म को अंगुरिया।
चंचल चतुर अंगुरिया जिस पर,
कनक मुन्दरिया साजे॥
पीली मन्दुरी अंगूरी श्याम,
मुंदरी पर राधा का नाम।
आखर देखे सुने मधुर स्वर,
राधा गोरी लाजे॥
भूल गयी राधा भरी गागरिया,
भूल गए गो धन को सांवरिया।
जाने ना जाने एह दो जाने,
जाने लग जग राजे॥