Jab Howe Sachcha Pyar Kyu Na Mile Kanhaiya Bhajan By Bhaiya Krishna Das Ji
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,
जाब मिले तार से तार, क्यो ना मिले कहणाईया,
क्यो ना मिले कहणाईया,
चंचल मान को तू समजले
हरी चरणोमे प्रीत लगले
मान से सॅचा पुकार होतो…
क्यो ना मिले कहणाईया….
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,
वाँ मे बैटी, शभरी मई
राम नाम की लगान लगाई
हरी आके दरश डीके
क्यो ना मिले कहणाईया…
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,
पितः ने जब प्रहलध सताया,
उसे प्रभु का द्यान लगाया,
नरसिंघ लिया अवतार,
क्यो ना मिले कहणाईया…
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,
दुर्योधन ने जाल बिछाया..
अर्जुन शरण कृष्ण की आए
बन सारथि कृष्णा मुरारी
क्यो ना मिले कहणाईया….
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,
जो तू भजन करे दिन रात्रि
श्याम सुंदर बनज़ाए साथी
तू शरण तो आ एक भर..क्यो ना मिले कहणाईया
जब होवे सक्चा प्यार क्यूँ ना मिले कन्हैया
क्यो ना मिले कहणाईया,