Mohammed Rafi Mujhe Apni Sharan Mein Lelo Ram
मुझे अपनी शरण में ले लो राम ले लो राम -२ लोचन मन में जगह न हो तो -२ जुगल चरण में ले लो राम ले लो राम मुझे ... जीवन देके जाल बिछाया रच के माया नाच नचया चिन्ता मेरी तभी रुकेगी -२ जब चिन्तन में ले लो राम ले लो राम मुझे ... तू ने लाखोँ पापी तारे मेरी बारी बाज़ी हारे बाज़ी हारे मेरे पास न पुण्य की पूँजी -२ पदपूजन में ले लो राम मुझे ... राम हे राम राम हे राम दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ इस जीवन में मिलो न तुम तो राम हे राम इस जीवन में मिलो न तुम तो मुझे मरण में ले लो राम ले लो राम मुझे ..Browse all bhajans by Mohammad Rafi