करता रहमत की बरसात है, मुरलीवाले की क्या बात है
करता रहमत की बरसात है,
मुरलीवाले की क्या बात है।
मेरे सँवारे क्या बात है,
मुरलीवाले की क्या बात है॥
मुख में हरी नाम हाथो में खड़ताल है,
भगत निर्धन के सब काटे जंजाल है ।
भरे नरसिंह का जब भात है,
मुरलीवाले की क्या बात है…
देख रसिक बिहारी को गायल हुआ,
काबुल का वो रसखान पागल हुआ,
करता अश्को की बरसात है,
मुरलीवाले की क्या बात है…
बात दासी ये अपने मन की कहे,
है हरी भक्त वो ही जो दुःख सुख सहे,
रात के बाद परभात है,