वृन्दावन के कृष्ण कन्हैया कब लोगे खबरिया भजन लिरिक्स

वृन्दावन के कृष्ण कन्हैया,
कब लोगे खबरिया,
द्वार तिहारे खड़ा मैं कबसे,
कब होगी नजरिया,
वृन्दावन के कृष्ण कन्हैंया,
कब लोगे खबरिया।।



जबसे लगन लगी है तेरी,
शरण तुम्हारे आए जी,
शरण तुम्हारे आए जी,
बाट निहारत थक गए नैना,
गीत ख़ुशी के गाएँ जी,
गीत ख़ुशी के गाएँ जी,
तेरे दरश की अभिलाषा में,
बीती रे उमरिया,
वृन्दावन के कृष्ण कन्हैंया,
कब लोगे खबरिया।।



ग्वाले गोपी मिलकर खेलें,
रास रचाये साथ में,
रास रचाये साथ में,
राधा जी संग झूला झूलें,
बंसी तेरे हाथ में,
बंसी तेरे हाथ में,
मैं विरहा की मारी रोऊँ,
कब आये सांवरिया,
वृन्दावन के कृष्ण कन्हैंया,
कब लोगे खबरिया।।



मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
सुर को श्यामल भाया जी,
सुर को श्यामल भाया जी,
अर्जुन के तुम मोहन प्यारे,
अद्भुत तेरी माया जी,
अद्भुत तेरी माया जी,
‘सागर’ तेरे शरण में आया,
हो के रे बावरिया,
वृन्दावन के कृष्ण कन्हैंया,
कब लोगे खबरिया।।



वृन्दावन के कृष्ण कन्हैया,
कब लोगे खबरिया,
द्वार तिहारे खड़ा मैं कबसे,
कब होगी नजरिया,
वृन्दावन के कृष्ण कन्हैंया,
कब लोगे खबरिया।।

See also  Bhagavad Gita: Chapter 17, Verse 5

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