एहसान तेरे प्रभु चूका ना सकूँ भजन लिरिक्स

एहसान तेरे प्रभु चूका ना सकूँ,
मुझे इतना दिया मैं गिना ना सकूँ,
मैं गिना ना सकूँ।।



क्या थी मेरी ज़िंदगानी,
सुख चैन भी खो गया था,
सोई हुई थी किस्मत भी मेरी,
दिल भी ये मेरा खुद रो रहा था,
तुमको तो ये सब है पता,
तुमसे क्या है बाबा छिपा,
कितना साथ दिया मैं बता ना सकूँ।
मुझे इतना दिया मैं गिना ना सकूँ,
मैं गिना ना सकूँ।।



लायक नहीं था मैं फिर भी,
लायक तुम्ही ने बनाया,
गलती की माफ़ी देकर के मुझको,
चरणों में अपने मुझको बिठाया,
किस्से तेरी दया के प्रभु,
सबको ही मैं सुनाता रहूँ,
कैसे संभाला मुझे मैं बता ना सकूँ,
मुझे इतना दिया मैं गिना ना सकूँ,
मैं गिना ना सकूँ।।



सपने किये मेरे पूरे,
ना कोई अब तो कमी है,
कर जोड़ के ‘मोहित’ दर पे खड़ा है,
बस प्रार्थना अब मेरी यही है,
भूल से भी ना भूलूँ तुम्हे,
माफ़ करना सदा तुम हमें,
नाम दिल से मेरे तेरा मिटा ना सकूँ,
मुझे इतना दिया मैं गिना ना सकूँ,
मैं गिना ना सकूँ।।



एहसान तेरे प्रभु चूका ना सकूँ,
मुझे इतना दिया मैं गिना ना सकूँ,
मैं गिना ना सकूँ।।

See also  Bhagavad Gita: Chapter 12, Verse 18

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