Contents
- 1 आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics
- 2 आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics in Hindi
- 3 Download PDF (आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Bhajans Bhakti Songs)
- 4 आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics Transliteration (English)
- 5 आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Video
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics
aaj ki is duniya me kitna faila hai bharshtachaar
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics in Hindi
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार
ये केसा कलयुग आया है
मानव ही मानव पर देखो कर रहा प्रहार
ये केसा कलयुग आया है
आज की इस दुनिया मे —————————
जिन मात पिता ने पाला पोषा, भुल गये है आज उन्हिको
उनके ऐहसानो के बदले, मार रहे है धक्के उनको
उन्हिके घर से उनको ही, कर रहे बेघर, ये केसा कलयुग —-
आज की इस दुनीयाँ मे —————————
२ जो भाई कभी न झगड़ ते थे, झगड़ रहे है आज वो कितने
जमीन जायदाद के खातिर देखो, लड़ रहे है आज वो कितने
भुला दीया है आज उन्होनो बचपन का सब प्यार, ये केसा कलयुग —-
आज की इस दुनीयाँ मे —————————
३ मोह माँया मे हो गये अन्धे, लगने लगे अपने भी पराये
कोन है भाई कोन बहन है, भान रहा ना अब कीसी को
अपनो से ही कर रहे हे, बे ढंगा व्यवहार, ये केसा कलयुग —-
आज की इस दुनीयाँ मे कीतना फैला है भ्रष्टाचार
ये केसा कलजुग आया है, मानव ही मानव पर देखो कर रहा प्रहार
ये केसा कलजुग आया है
तर्ज – देख तेरे संसार की हालत ——
जसवन्त K शिशोदीया
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आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Bhajans Bhakti Songs
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Lyrics Transliteration (English)
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है Video
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