Banke Titli Main Udati Fira Newly Kanha Bhajan By Chitra Vichitra Ji Maharaj
Banke Titli Main Udati Fira Newly Kanha Bhajan By Chitra Vichitra Ji Maharaj

Banke Titli Main Udati Fira Newly Kanha Bhajan By Chitra Vichitra Ji Maharaj

तमन्ना यही है के उड के बरसाने आयुं मैं
आके बरसाने में तेरे दिल की हसरतो को फर्माऊ मैं
जिस घडी मंदिर ए चौखट पे पहुँच जाऊँगा
पकड़ मंदिर की झोली को यह फरमान गाऊंगा

बन तितली मैं उडदी फिरां, किशोरी तेरे बरसाने
श्री राधे राधे मैं गौन्दी फिरां, किशोरी तेरे बरसाने
किशोरी तेरे बरसाने, श्री राधे तेरे बरसाने…

लुक लुक उड उड मंदिरा च आवांगी
बच्दी बचान्दी मैं दर्शन पावंगी
कर किरपा तू मैनू बुला, किशोरी तेरे बरसाने
बन तितली मैं…

विषेया दा रस पी मैं दर दर रुलेया
विषेया विकारां विच्च मैं दर तेरा भुलेया
हुण नाम वाला रस पिला, किशोरी तेरे बरसाने
बन तितली मैं…

बगिया च तेरी तेरे नाल नाल घुमांगी
जित्थे जित्थे रखे पग ओहिओ रज चुमांगी
बन साया मैं मस्त फिरां, किशोरी तेरे बरसाने
बन तितली मैं…

मन रुपी तितली नु चरना च लावी तू
‘पाली पागल’ नाल श्याम नाल मिलावी तू
देवीं चरना च थोड़ी जही थां, किशोरी तेरे बरसाने
बन तितली मैं…

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