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बेवजह मुझ पे जो उंगली कोई उठ जाती है लिरिक्स
Bewajah Mujhpe Jo Ungli Koi Uth Jati Hai
बेवजह मुझ पे जो उंगली कोई उठ जाती है लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज तेरी उम्मीद तेरा।
बेवजह मुझ पे जो उंगली,
कोई उठ जाती है,
मुझे तब श्याम,
तेरी याद बहुत आती है।।
है सब जिधर हवा का हो झोखा,
आज अपनों से मिल रहा धोखा,
आज अपनों से मिल रहा धोखा,
झूठे बुनियाद की जुबा,
नहीं शरमाती है,
मुझे तब श्याम,
तेरी याद बहुत आती है।।
ऐसे हालातों में जीना मुश्किल,
सिसक सिसक के रोए मेरा दिल,
सिसक सिसक के रोए मेरा दिल,
होके बेबस ये आंख,
अश्को से नहाती है
मुझे तब श्याम,
तेरी याद बहुत आती है।।
अपनी बातों पे नहीं उतरे खरे,
ऐसे रिश्तों से मन ये मेरा डरे,
ऐसे रिश्तों से मन ये मेरा डरे,
ठोकरे वैभव ये सही,
सबक सिखाती है,
मुझे तब श्याम,
तेरी याद बहुत आती है।।
बेवजह मुझ पे जो उंगली,
कोई उठ जाती है,
मुझे तब श्याम,
तेरी याद बहुत आती है।।
Singer Saurabh Agarwal
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