( फल और प्रभाव सहित भक्तियोग का कथन )अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते ।इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः ॥
( फल और प्रभाव सहित भक्तियोग का कथन )अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते ।इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विताः ॥

अहं सर्वस्य प्रभवो मत्त: सर्वं प्रवर्तते |
इति मत्वा भजन्ते मां बुधा भावसमन्विता: || 8||

ahaṁ sarvasya prabhavo mattaḥ sarvaṁ pravartate
iti matvā bhajante māṁ budhā bhāva-samanvitāḥ

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भावार्थ:

मैं वासुदेव ही संपूर्ण जगत्‌ की उत्पत्ति का कारण हूँ और मुझसे ही सब जगत्‌ चेष्टा करता है, इस प्रकार समझकर श्रद्धा और भक्ति से युक्त बुद्धिमान्‌ भक्तजन मुझ परमेश्वर को ही निरंतर भजते हैं॥8॥

Translation

I am the origin of all creation. Everything proceeds from me. The wise who know this perfectly worship me with great faith and devotion.

English Translation Of Sri Shankaracharya’s Sanskrit Commentary By Swami Gambirananda

See also  Bhagavad Gita: Chapter 15, Verse 12

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