(संजय द्वारा धृतराष्ट्र के प्रति विश्वरूप का वर्णन )संजय उवाच-एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरिः ।दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम्‌ ॥`
(संजय द्वारा धृतराष्ट्र के प्रति विश्वरूप का वर्णन )संजय उवाच-एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरिः ।दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम्‌ ॥`

सञ्जय उवाच |
एवमुक्त्वा ततो राजन्महायोगेश्वरो हरि: |
दर्शयामास पार्थाय परमं रूपमैश्वरम् || 9||

sañjaya uvācha
evam uktvā tato rājan mahā-yogeśhvaro hariḥ
darśhayām āsa pārthāya paramaṁ rūpam aiśhwaram

Audio

भावार्थ:

संजय बोले- हे राजन्‌! महायोगेश्वर और सब पापों के नाश करने वाले भगवान ने इस प्रकार कहकर उसके पश्चात अर्जुन को परम ऐश्वर्ययुक्त दिव्यस्वरूप दिखलाया॥9॥

Translation

Sanjay said: O King, having spoken thus, the Supreme Lord of Yog, Shree Krishna, displayed his divine and opulent form to Arjun.

English Translation Of Sri Shankaracharya’s Sanskrit Commentary By Swami Gambirananda

See also  Bhagavad Gita: Chapter 3, Verse 8

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