श्री भगवानुवाच- इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ । विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥
श्री भगवानुवाच- इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम्‌ । विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत्‌ ॥

श्रीभगवानुवाच |
इमं विवस्वते योगं प्रोक्तवानहमव्ययम् |
विवस्वान्मनवे प्राह मनुरिक्ष्वाकवेऽब्रवीत् || 1||

śhrī bhagavān uvācha
imaṁ vivasvate yogaṁ proktavān aham avyayam
vivasvān manave prāha manur ikṣhvākave ’bravīt

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भावार्थ:

श्री भगवान बोले- मैंने इस अविनाशी योग को सूर्य से कहा था, सूर्य ने अपने पुत्र वैवस्वत मनु से कहा और मनु ने अपने पुत्र राजा इक्ष्वाकु से कहा॥1॥

Translation

The Supreme Lord Shree Krishna said: I taught this eternal science of Yog to the Sun-god, Vivasvan, who passed it on to Manu; and Manu in turn instructed it to Ikshvaku.

English Translation Of Sri Shankaracharya’s Sanskrit Commentary By Swami Gambirananda

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