भोले का खजाना लूट रहा रे भजन लिरिक्स
Bhole Ka Khajana Lut Raha Re
भोले का खजाना लूट रहा रे भजन लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज: श्याम का खजाना लूट रहा रे।
लूट रहा लूट रहा लूट रहा रे,
भोले का खजाना लूट रहा रे,
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
बाबा का खजाना लुट रहा रे।।
लूट सके तो लूट ले बन्दे,
काहे देरी करता है,
ऐसा मौका फिर ना मिलेगा,
सबकी झोली भरता है,
इसकी शरण में आकर के,
बाबा की शरण में आकर के,
जो कुछ भी माँगा मिल गया रे,
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
भोले का खजाना लुट रहा रे।।
हाथों हाथ मिलेगा परचा,
ये दरबार निराला है,
घर घर पूजा हो कलयुग में,
भक्तों का रखवाला है,
जिसने भी इनका नाम लिया,
जिसने भी इनका नाम लिया,
किस्मत का ताला खुल गया रे,
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
भोले का खजाना लुट रहा रे।।
इसके जैसा इस दुनिया में,
कोई भी दरबार नहीं,
ऐसा दयालु बनवारी ये,
करता कभी इंकार नहीं,
कौन है ऐसा दुनिया में,
कौन है ऐसा दुनिया में,
जिसको ये बाबा नट गया रे,
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
भोले का खजाना लुट रहा रे।।
लूट रहा लूट रहा लूट रहा रे,
भोले का खजाना लूट रहा रे,
लूट रहा, लूट रहा, लूट रहा रे,
बाबा का खजाना लुट रहा रे।।
भोले का खजाना लूट रहा रे भजन Video
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