चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नही रूठे लिरिक्स

चाहे रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे,
मेरी साँसें थम जाएँ,
मगर विश्वास नही टूटे,
चाहें रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे।।



अफ़सोस मुझे उस पल का है,
जब घोर अंधेरा छाया था,
मेरी आँखें रोकर हारी,
कोई नज़दीक ना आया था,
झूठे सब रिश्तेदार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे,
चाहें रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे।।



मजधार में थी दरकार मुझे,
जाना था भव से पार मुझे,
अपनो ने नज़रें फेरी थी,
बाबा का मिला तब प्यार मुझे,
चाहे डूबू अब मजधार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे,
चाहें रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे।।



बिन माँगे झोली भरता है,
मेरे दिल की बात समझता है,
‘सोनी’ जब श्याम को याद करूँ,
ये दौड़ा दौड़ा आता है,
चाहे कर दे सब इनकार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे,
चाहें रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे।।



चाहे रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे,
मेरी साँसें थम जाएँ,
मगर विश्वास नही टूटे,
चाहें रूठे सब संसार,
मगर मेरा श्याम नही रूठे।।

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