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चेतावनी कुंडलियाँ देसी हिंदी लिरिक्स
Chetawani Kundaliya Desi
चेतावनी कुंडलियाँ देसी हिंदी लिरिक्स (हिन्दी)
चेतावनी कुंडलियाँ देसी लिरिक्स,
1. ज्ञान बढ़े गुणवान की संगत,
ध्यान बढ़े तपसी संग कीना।
मोह बढ़े परिवार की संगत,
लोभ बढ़े धन में चित दीना।
क्रोध बढ़े नर मूढ़ की संगत,
काम बढ़े तिरिया संग कीना।
बुद्धि विवेक विचार बढ़े,
कवि दीन कहे सज्जन संग कीना।।
2. ज्ञान घटे नर मूढ़ की संगत,
ध्यान घटे बिन धीरज आया।
क्रोध घटे सु साधु की संगत,
रोग घटे कुछ ओगध खाया।
पीठ दिखावत प्रीत घटे,
मान घटे पर घर नित जाया।
काट सरी तलवार घटे,
बुद्धि घटे बहु भोजन खाया।
बेताल कहे सुणो नर विक्रम,
पाप घटे हरि गुण गाया।।
3. नमे शील सन्तोष,
नमे कुलवंती नारी।
नमे तीर कबाण,
नमे गज बैल असवारी।
अरे कसनी में सोनो नमे,
दान दे दातार नमे।
सूखों लकड़ अबूझ नर,
भाग पड़े पर नी नमे।।
4. कैसी शशि बिन रेण,
कैसो भाण बिन पगड़ो।
कैसो बाप सू बेर,
कैसो भाई सू झगडों।
केसों बूढ़े सू आळ,
कैसो बालक सू हासो।
कैसी नुगरां री प्रीत,
केसों बेरी घर वासों।
बहता नाग जो छेड़िये,
जो पूंछ पटक पाछा फिरे।
कवि गंग कहे सुण शाह अकबर,
ऐड़ा काम तो मूर्ख करे।।
5. लोभी भलो न मिंत,
भलो नी निर्धन सालो।
ठाकुर भलो न जार
लोफर भलो नी चोर रुखालो।
भोरों भलो न होय,
काल में पालन जो बांधे।
सगो भलो नी होय,
रात दिन छाती रांधे।
पिता भलो नी होय,
राखदे कन्या कंवारी।
पुत्र भलो नी होय,
सीखले चोरी जारी।
पुत्री भली नी होय,
पीहर में सिणगार सजावे।
पत्नी भली नी होय पति,
पहला भोजन पावे।
जवांई भलो नी सासरे,
घटे जी उण रो कायदों।
बेताल कहे सुणो नर विक्रम,
इतरा में नहीं फायदो।।
6.चाले दड़बड़ चाल,
दीखती डाकण दीसे।
रांधे धान कु धान,
पीसणो मोटो पीसे।
दलिये रा दो फाड़,
थूक दे रोटी सांधे।
नहीं घाघरे घेर,
नहीं कांचली रे कस बांधे।
उघाड़ो राखे ओजरो,
आडो करे नी पलो।
गिरधर कह कवि राय,
ऐड़ी लुगाई बिना कंवारो ई भलो।।
7. रामचरण महाराज को,
कठिन त्याग वैराग।
सुता सिंघ जगाविये,
उठे पलीता आग।
उठे पलीता आग धार,
खांडे री भेणा।
काजल के घर माय,
ऊजले कपड़े रेणा।
उजले कपड़े रेवणा,
नहीं लागण देणो दाग़।
रामचरण महाराज को,
कठिन त्याग वैराग।।
8. तारों की तेज में चंद छिपे नी,
सूरज छिपे नी बादल छाया।
चंचल नारी के नैण छिपे नी,
प्रीत छिपे नी पूठ दिखाया।
रण चढ़िया रजपूत छिपे नी,
दातार छिपे नी घर माँगत आया।
कवि गंग कहे सुण शाह अकबर,
कर्म छिपे नी भभूत लगाया।।
9. माता कहे मेरो पूत सपूत हैं,
बहन कहे मेरा सुंदर भैया।
तात कहे मेरो हैं कुल दीपक,
लोक में नाम अधिक बढ़ेया,
नारी कहे मेरा प्राणपति हैं,
जिनके जाके मैं लेउ बलैया।
कवि गंग कहे सुण शाह अकबर,
सबके गांठ सफेद रुपैया।।
10. दिन छुपे तिथि वार घटे,
सूर्य छिपे ग्रहण को छायो।
गजराज छुपे सिंह को देखत,
चाँद छुपत अमावस आयो।
पाप छुपत हरि नाम जपे,
कुल छुपत कपूत के जायो।
कवि गंग कहे सुण शाह अकबर,
कर्म ना छुपेगो छुपो छुपायो।।
11. बाळ से आळ बूढ़ा से विरोध,
कुलक्षणी नार से ना हंसिये।
ओछे की प्रीत, गुलाम की संगत,
औघट घाट में ना धँसीये।
बैल की नाथ घोड़े की लगाम,
हस्ती को अंकुस से कसिये।
कवि गंग कहे सुण शाह अकबर,
कूड़ से सदा दूर बसिये।।
12. बाज़िन्द तेरी क्या ओकात,
छुणावे मालिया।
थारे जेड़ा जीव,
जंगल में सियालिया।
कुरजां ज्यूँ कुकन्द,
दिवाड़ो रोज रे।
अरे हाँ बाज़िन्द हाथी सा,
मर जाय मंडे नहीं खोज रे।।
13. तात मिले पुनि मात मिले,
सुत भ्रात मिले युवती सुखदायी।
राज मिले गज बाज मिले,
सब साज मिले मन वांछित पाई।
लोक मिले परलोक मिले,
विधि लोक मिले बैकुण्ठ जाई।
सुंदर और मिले सब ही सुख,
सन्त समागम दुर्लभ भाई।।
14. रोहिड़े रो फूल,
वनी में खीलियों।
आ कंचन सी हैं काया,
हरि क्यूं भूलियों।
फूल गयो कुमलाय,
कली भी जावसी।
रे बाज़िन्द इण बाड़ी रे माय,
भँवर कदे ना आवसी।।
15. सदा रंक नहीं राव,
सदा मृदङ्ग नहीं बाजे।
सदा धूप नहीं छाँव,
सदा इंद्र नहीं गाजे।
सदा न जोबन थिर रहे,
सदा न काला केश।
बेताल कहे सुणो नर विक्रम,
सदा न राजा देश।।
16. मिनख मिनख सब ऐक हैं,
जाणे लोक व्यवहार।
पापी पशु समान हैं,
भजनी पुरुष अवतार।
भजनी पुरुष अवतार जका,
नर मुक्ति पासी।
पापी पड़सी नरक में,
मार जमो री खासी।
इतरा फर्क सगराम कहे,
सुण लीजो नर नार।
मिनख मिनख सब एक हैं,
जाणे लोक व्यवहार।।
17. इतरा से बेर ना कीजिये,
गुरु पंडित कवि ज्ञान।
बेटा वनिता बावरिया,
यज्ञ करावण हार।
यज्ञ करावण हार,
मंत्री राजा का होई।
विप्र,पड़ोसी,वेद,
तपे आपके रसोई।
कह गिरधर कवि राय,
युगनते चली आई।
इन तेरह से हँसते रहो,
बनी बनी के सांई।।
18. बादशाह री सेज बणी,
पतरणा पाट का।
हीरा जड़िया हैं जड़ाव,
पाया हैं ठाठ का।
हूरमा खड़ी हजूर,
करत ये बंदगी।
अरे हॉ बाज़िन्द बिन भजिया,
भगवान पड़ेला गंदगी।।
19. बंकर किला बणाय कर,
तोपा साजिया।
ऊपर मुगल द्वार,
के पेही ताजिया।
नित पथ आगे आय,
नाचन्ति नायका।
अरे हाँ बाज़िन्द उसको ले गये,
उखाड़ दूत जम रायका।।
20. राख परवाह एक निज नांव की,
खलक मैदान में बांधले ताटी।
मीर उमराव पावणों हैं चार दिन को,
सब छोड़ चलेगा दौलत और हाथी।
दास पलटू कहे देखो संसार गति,
निज नाम बिना तेरो संग हैं न कोई साथी।।
21. सिंघ जो भूखा रहे,
चरे नहीं घास को।
हंस पीवे नहीं नीर,
करे उपवास को।
साध सती और शूरमा,
ये पाँच हैं काम के।
अरे हां पलटू सन्त नहीं जांचे,
जगत भरोसे राम के।।
22. यार फकीरों तुम पड़े हो,
किस ख्याल में।
संग में लगी पांच,
पचीस तीस नारी।
ऐसे ज्ञान से होता,
नरक भी भारी।
पचीस के कारण,
भिक्षा मांगते हो,
एक ने कौन तकलीफ मारी,
दास पलटू कहे एक,
ये खेल नहीं बन्दा,
जब छूटे ये तीसू ही नारी।।
23. ब्रह्मानंद परमात्मा भाई,
भजले बारम्बार।
वादा किया गर्भ वास में,
बिसर जन हुआ गवार।
बिसर जन हुआ गवार,
कोल कीना भारी।
उम्र बीती जाय,
जपले कृष्ण मुरारी।
अब तो चेत बावला,
झट पट हो हुशियार।
ब्रह्मानंद परमात्मा भाई,
भजले बारम्बार।।
24. तोड़े पुन री पाळ,
कमावे पाप को।
साला निवत जिमाय,
धक्का दे बाप को।
चढ़े परणी री भीड़,
गाळ दे बहन को।
अरे हां बाज़िन्द वे नर,
नरका जाय,
ठौड़ नहीं रेहण को।।
25. मूर्ख रे मुख बम्ब हैं,
निकसे भेण भुजंग।
उनकी ओषध मौन हैं,
विष नहीं व्यापे अंग।
कह कर वचन कठोर,
खुरड़ मत छोलिये।
शीतल राख स्वभाव,
वाणी शुध्द बोलिये।
आपे ही शीतल होय,
ओरों को कीजिये।
अरे हाँ बाज़िन्द कहे,
सुण रे म्हारा मित,
बलती में पूला मत दीजिये।।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर
9785126052
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Chetawani Kundaliya Desi Lyrics (English Transliteration)
chetAvanI kuMDaliyA.N desI liriksa,
1. j~nAna baढ़e guNavAna kI saMgata,
dhyAna baढ़e tapasI saMga kInA|
moha baढ़e parivAra kI saMgata,
lobha baढ़e dhana meM chita dInA|
krodha baढ़e nara mUढ़ kI saMgata,
kAma baढ़e tiriyA saMga kInA|
buddhi viveka vichAra baढ़e,
kavi dIna kahe sajjana saMga kInA||
2. j~nAna ghaTe nara mUढ़ kI saMgata,
dhyAna ghaTe bina dhIraja AyA|
krodha ghaTe su sAdhu kI saMgata,
roga ghaTe kuCha ogadha khAyA|
pITha dikhAvata prIta ghaTe,
mAna ghaTe para ghara nita jAyA|
kATa sarI talavAra ghaTe,
buddhi ghaTe bahu bhojana khAyA|
betAla kahe suNo nara vikrama,
pApa ghaTe hari guNa gAyA||
3. name shIla santoSha,
name kulavaMtI nArI|
name tIra kabANa,
name gaja baila asavArI|
are kasanI meM sono name,
dAna de dAtAra name|
sUkhoM lakaड़ abUjha nara,
bhAga paड़e para nI name||
4. kaisI shashi bina reNa,
kaiso bhANa bina pagaड़o|
kaiso bApa sU bera,
kaiso bhAI sU jhagaDoM|
kesoM bUढ़e sU ALa,
kaiso bAlaka sU hAso|
kaisI nugarAM rI prIta,
kesoM berI ghara vAsoM|
bahatA nAga jo Cheड़iye,
jo pUMCha paTaka pAChA phire|
kavi gaMga kahe suNa shAha akabara,
aiड़A kAma to mUrkha kare||
5. lobhI bhalo na miMta,
bhalo nI nirdhana sAlo|
ThAkura bhalo na jAra
lophara bhalo nI chora rukhAlo|
bhoroM bhalo na hoya,
kAla meM pAlana jo bAMdhe|
sago bhalo nI hoya,
rAta dina ChAtI rAMdhe|
pitA bhalo nI hoya,
rAkhade kanyA kaMvArI|
putra bhalo nI hoya,
sIkhale chorI jArI|
putrI bhalI nI hoya,
pIhara meM siNagAra sajAve|
patnI bhalI nI hoya pati,
pahalA bhojana pAve|
javAMI bhalo nI sAsare,
ghaTe jI uNa ro kAyadoM|
betAla kahe suNo nara vikrama,
itarA meM nahIM phAyado||
6.chAle daड़baड़ chAla,
dIkhatI DAkaNa dIse|
rAMdhe dhAna ku dhAna,
pIsaNo moTo pIse|
daliye rA do phAड़,
thUka de roTI sAMdhe|
nahIM ghAghare ghera,
nahIM kAMchalI re kasa bAMdhe|
ughAड़o rAkhe ojaro,
ADo kare nI palo|
giradhara kaha kavi rAya,
aiड़I lugAI binA kaMvAro I bhalo||
7. rAmacharaNa mahArAja ko,
kaThina tyAga vairAga|
sutA siMgha jagAviye,
uThe palItA Aga|
uThe palItA Aga dhAra,
khAMDe rI bheNA|
kAjala ke ghara mAya,
Ujale kapaड़e reNA|
ujale kapaड़e revaNA,
nahIM lAgaNa deNo dAग़|
rAmacharaNa mahArAja ko,
kaThina tyAga vairAga||
8. tAroM kI teja meM chaMda Chipe nI,
sUraja Chipe nI bAdala ChAyA|
chaMchala nArI ke naiNa Chipe nI,
prIta Chipe nI pUTha dikhAyA|
raNa chaढ़iyA rajapUta Chipe nI,
dAtAra Chipe nI ghara mA.Ngata AyA|
kavi gaMga kahe suNa shAha akabara,
karma Chipe nI bhabhUta lagAyA||
9. mAtA kahe mero pUta sapUta haiM,
bahana kahe merA suMdara bhaiyA|
tAta kahe mero haiM kula dIpaka,
loka meM nAma adhika baढ़eyA,
nArI kahe merA prANapati haiM,
jinake jAke maiM leu balaiyA|
kavi gaMga kahe suNa shAha akabara,
sabake gAMTha sapheda rupaiyA||
10. dina Chupe tithi vAra ghaTe,
sUrya Chipe grahaNa ko ChAyo|
gajarAja Chupe siMha ko dekhata,
chA.Nda Chupata amAvasa Ayo|
pApa Chupata hari nAma jape,
kula Chupata kapUta ke jAyo|
kavi gaMga kahe suNa shAha akabara,
karma nA Chupego Chupo ChupAyo||
11. bALa se ALa bUढ़A se virodha,
kulakShaNI nAra se nA haMsiye|
oChe kI prIta, gulAma kI saMgata,
aughaTa ghATa meM nA dha.NsIye|
baila kI nAtha ghoड़e kI lagAma,
hastI ko aMkusa se kasiye|
kavi gaMga kahe suNa shAha akabara,
kUड़ se sadA dUra basiye||
12. bAज़inda terI kyA okAta,
ChuNAve mAliyA|
thAre jeड़A jIva,
jaMgala meM siyAliyA|
kurajAM jyU.N kukanda,
divAड़o roja re|
are hA.N bAज़inda hAthI sA,
mara jAya maMDe nahIM khoja re||
13. tAta mile puni mAta mile,
suta bhrAta mile yuvatI sukhadAyI|
rAja mile gaja bAja mile,
saba sAja mile mana vAMChita pAI|
loka mile paraloka mile,
vidhi loka mile baikuNTha jAI|
suMdara aura mile saba hI sukha,
santa samAgama durlabha bhAI||
14. rohiड़e ro phUla,
vanI meM khIliyoM|
A kaMchana sI haiM kAyA,
hari kyUM bhUliyoM|
phUla gayo kumalAya,
kalI bhI jAvasI|
re bAज़inda iNa bAड़I re mAya,
bha.Nvara kade nA AvasI||
15. sadA raMka nahIM rAva,
sadA mRRida~Nga nahIM bAje|
sadA dhUpa nahIM ChA.Nva,
sadA iMdra nahIM gAje|
sadA na jobana thira rahe,
sadA na kAlA kesha|
betAla kahe suNo nara vikrama,
sadA na rAjA desha||
16. minakha minakha saba aika haiM,
jANe loka vyavahAra|
pApI pashu samAna haiM,
bhajanI puruSha avatAra|
bhajanI puruSha avatAra jakA,
nara mukti pAsI|
pApI paड़sI naraka meM,
mAra jamo rI khAsI|
itarA pharka sagarAma kahe,
suNa lIjo nara nAra|
minakha minakha saba eka haiM,
jANe loka vyavahAra||
17. itarA se bera nA kIjiye,
guru paMDita kavi j~nAna|
beTA vanitA bAvariyA,
yaj~na karAvaNa hAra|
yaj~na karAvaNa hAra,
maMtrI rAjA kA hoI|
vipra,paड़osI,veda,
tape Apake rasoI|
kaha giradhara kavi rAya,
yuganate chalI AI|
ina teraha se ha.Nsate raho,
banI banI ke sAMI||
18. bAdashAha rI seja baNI,
pataraNA pATa kA|
hIrA jaड़iyA haiM jaड़Ava,
pAyA haiM ThATha kA|
hUramA khaड़I hajUra,
karata ye baMdagI|
are haॉ bAज़inda bina bhajiyA,
bhagavAna paड़elA gaMdagI||
19. baMkara kilA baNAya kara,
topA sAjiyA|
Upara mugala dvAra,
ke pehI tAjiyA|
nita patha Age Aya,
nAchanti nAyakA|
are hA.N bAज़inda usako le gaye,
ukhAड़ dUta jama rAyakA||
20. rAkha paravAha eka nija nAMva kI,
khalaka maidAna meM bAMdhale tATI|
mIra umarAva pAvaNoM haiM chAra dina ko,
saba Choड़ chalegA daulata aura hAthI|
dAsa palaTU kahe dekho saMsAra gati,
nija nAma binA tero saMga haiM na koI sAthI||
21. siMgha jo bhUkhA rahe,
chare nahIM ghAsa ko|
haMsa pIve nahIM nIra,
kare upavAsa ko|
sAdha satI aura shUramA,
ye pA.Ncha haiM kAma ke|
are hAM palaTU santa nahIM jAMche,
jagata bharose rAma ke||
22. yAra phakIroM tuma paड़e ho,
kisa khyAla meM|
saMga meM lagI pAMcha,
pachIsa tIsa nArI|
aise j~nAna se hotA,
naraka bhI bhArI|
pachIsa ke kAraNa,
bhikShA mAMgate ho,
eka ne kauna takalIpha mArI,
dAsa palaTU kahe eka,
ye khela nahIM bandA,
jaba ChUTe ye tIsU hI nArI||
23. brahmAnaMda paramAtmA bhAI,
bhajale bArambAra|
vAdA kiyA garbha vAsa meM,
bisara jana huA gavAra|
bisara jana huA gavAra,
kola kInA bhArI|
umra bItI jAya,
japale kRRiShNa murArI|
aba to cheta bAvalA,
jhaTa paTa ho hushiyAra|
brahmAnaMda paramAtmA bhAI,
bhajale bArambAra||
24. toड़e puna rI pALa,
kamAve pApa ko|
sAlA nivata jimAya,
dhakkA de bApa ko|
chaढ़e paraNI rI bhIड़,
gALa de bahana ko|
are hAM bAज़inda ve nara,
narakA jAya,
Thauड़ nahIM rehaNa ko||
25. mUrkha re mukha bamba haiM,
nikase bheNa bhujaMga|
unakI oShadha mauna haiM,
viSha nahIM vyApe aMga|
kaha kara vachana kaThora,
khuraड़ mata Choliye|
shItala rAkha svabhAva,
vANI shudhda boliye|
Ape hI shItala hoya,
oroM ko kIjiye|
are hA.N bAज़inda kahe,
suNa re mhArA mita,
balatI meM pUlA mata dIjiye||
preShaka rAmeshvara lAla pa.NvAra|
AkAshavANI siMgara
9785126052
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