घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल लिरिक्स

Ghar Ki Jaruraton Ne Musafir Bana Diya

घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल लिरिक्स (हिन्दी)

घर की जरूरतों ने,
मुसाफिर बना दिया।।

दोहा रस्ते भर रो रो कर पूछा,
हमसे पांव के छालों ने,
बस्ती कितनी दूर बसा ली,
दिल में बसने वालों ने।
चाहा था जिसको टूट कर,
वह आखिर चला गया,
इस दिल से मोहब्बत का,
मुसाफिर चला गया।
बेरंग है आज तक,
वह तस्वीर प्यार की,
पूरा किए बगैर,
मुसव्विर चला गया।

फिकरों ने रंग चेहरे का,
मेरे उड़ा दिया,
घर की जरूरतों ने,
मुसाफिर बना दिया।।

धोखा दिया फरेब किया,
दिल चुरा लिया,
उसने मेरी वफाओं का,
ऐसा सिला दिया।।

दुश्मन ने मुझको देखकर,
खंजर उठा लिया,
मुझको तो मेरी मां की,
दुआ ने बचा लिया।।

मैंने कहा था उनसे,
जलाने को एक चिराग,
उसने इसी बहाने,
मेरा घर जला दिया।।

फिकरों ने रंग चेहरे का,
मेरे उड़ा दिया,
घर की जरूरतो ने,
मुसाफिर बना दिया।।

घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल Video

घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल Video

गायक श्री घनश्याम गुर्जर।
प्रेषक विष्णु पटेल।
8319761994

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