हरी हर एक हैं दोनो Lyrics | Bhajans | Bhakti Songs
हरी हर एक हैं दोनो Lyrics | Bhajans | Bhakti Songs

Introducing the devotional bhajan “Hari Har Ek Hai,” sung with deep reverence by Chandrabhushan Pathak Ji. This beautiful bhajan reminds us of the unity and oneness of all divine forms, encapsulating the message that “Hari” (Lord Vishnu) and “Har” (Lord Shiva) are one. Let the melodious voice and meaningful lyrics guide you towards spiritual oneness and peace.

हरी हर एक हैं दोनो Lyrics

तर्ज: सखी री बांके बिहारी से।

हरि हर एक है दोनों,
ना ये कम है ना वो कम है।।

ये रहते है हिमालय में,
वो रहते क्षीरसागर में,
ससुर घर दोनों रहते है,
ना ये कम है ना वो कम है।।

इन्होने सिंधु को डांटा,
उन्होंने दक्ष सर काटा,
ससुर अपमान करने में,
ना ये कम है ना वो कम है।।

ये पीते प्रेम का प्याला,
वह पीते भांग का प्याला,
नशे में दोनों रहते है,
ना ये कम है ना वो कम है।।

रमा की बात ये माने,
उमा की बात वो माने,
पिया का मान करने में,
ना ये कम है ना वो कम है।।

हरि हर एक है दोनों,
ना ये कम है ना वो कम है।।

हरी हर एक हैं दोनो Video

हरी हर एक हैं दोनो Video

गायक – पं. श्री चन्द्रभूषण जी पाठक।
प्रेषक – दुर्गा प्रसाद पटेल।

Credits:

  • Bhajan Title: Hari Har Ek Hai
  • Singer: Chandrabhushan Pathak Ji
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