जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के लिरिक्स

Ja Pahuche Lanka Nagri Me Sagar Langh Ke

जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के लिरिक्स (हिन्दी)

जा पहुँचे लंका नगरी में,
सागर लांघ के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

माता के चरणों में जाकर,
बोले जय श्री राम,
श्री राम का दास हूँ मैया,
हनुमत मेरो नाम,
अजर अमर का वर दे डाला,
सेवक जान के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

दानव सारे डरकर भाग गए,
रावण के पास,
अक्षय को तो मार गिराया,
आया मेघनाथ,
ब्रह्म बाण में फस गए हनुमत,
अपना जान के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

रावण ने पूछा कपिवर से,
कहाँ से वानर आया,
राम चरण सेवक हूँ राधे,
बजरंग ने बतलाया,
रावण तू क्यूँ आँख दिखाए,
मुझको बांध के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

रावण ने फिर क्रोध में आके,
पूँछ में आग लगा दी,
हनुमत ने फिर घूम घूम कर,
सारी लंका जला दी,
नाच कूदते पहुँचे हनुमत,
सम्मुख राम के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

जा पहुँचे लंका नगरी में,
सागर लांघ के,
सियाराम की जय जय बोले,
हनुमत सीना तान के।।

जा पहुँचे लंका नगरी में सागर लांघ के Video

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