झुक आई रे बदरिया सावण की Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
झुक आई रे बदरिया सावण की Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs

Immerse yourself in the divine melody of “झुक आई रे बदरिया सावण की”, a soulful bhajan sung by the revered Mahant Paramhans Dr. Shri Ramprasad Ji Maharaj!

झुक आई रे बदरिया सावण की लिरिक्स (हिन्दी)

झुक आई रे बदरिया सावण की,
सावण की मन भावन की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

सावण में उमंगयो मेरो मनवा,
आ तो भनक पड़ी है हरि आवन की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

नानी नानी बूंदन मेहरा बरसे,
आ तो दामिनी दमके झररावन की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

दादूर मोर पपीहा बोले,
आ तो कोयल शबद सुणावन की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर,
आनंद मंगल गावण की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

झुक आई रे बदरिया सावण की,
सावण की मन भावन की,
झुक आयी रे बदरिया सावण की।।

झुक आई रे बदरिया सावण की Video

झुक आई रे बदरिया सावण की Video

स्वर परमहंस डॉ श्री रामप्रसाद जी महाराज।

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