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कैसे गिने कोई अहसान तेरे सांसे कम पड़ जाती है लिरिक्स
Kaise Gine Koi Ehsan Tere Sanse Kam Pad Jati Hai
कैसे गिने कोई अहसान तेरे सांसे कम पड़ जाती है लिरिक्स (हिन्दी)
कैसे गिने कोई अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है,
तेरी कृपा याद करूँ जब,
आँखे नम हो जाती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
दुनिया की इस भीड़ में तनहा,
जब खुद को मैंने पाया,
साथ निभाया तुमने बाबा,
मुझ निर्धन को अपनाया,
मुझ निर्धन को अपनाया,
तेरी बदौलत खुशियां मेरे,
आँगन में इतराती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
रोज दिखाते ख्वाब नया तुम,
रोज ही पूरा करते हो,
खड़े सिरहाने पर तुम मेरे,
सिर पे हाथ को धरते हो,
सिर पे हाथ को धरते हो,
इस अहसास से हारे हुए की,
हिम्मत प्रभु बढ़ जाती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
इतना पाकर मैं क्यों रोऊँ,
रोकर मान घटाऊं क्यों,
था जिस लायक तुमसे है पाया,
दिल को मैं समझाऊं यूँ,
दिल को मैं समझाऊं यूँ,
नासमझों को मेरी बातें,
बाबा समझ ना आती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
जब जब जीवन मिले ये मुझको,
बाबा तेरा प्यार मिले,
तेरी सेवा तेरी पूजा,
तेरा ही दरबार मिले,
तेरा ही दरबार मिले,
संजय कुंदन सा चमके,
रोमी की नज़र पड़ जाती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
कैसे गिने कोई अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है,
तेरी कृपा याद करूँ जब,
आँखे नम हो जाती है,
कैसे गिने कोईं अहसान तेरे,
सांसे कम पड़ जाती है।।
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