Contents
- 1 कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics
- 2 कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics in Hindi
- 3 Download PDF (कपि से उरिन हम नाहीं भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Bhajans Bhakti Songs)
- 4 कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics Transliteration (English)
- 5 कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Video
कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics
Bharat Bhai Kapi Se,- Ram Bhajan By Anup Jalota
कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics in Hindi
भरत भाई, कपि से उरिन
हम नाहीं कपि से उरिन
हम नाहीं भरत भाई,
कपि से उरिन हम नाहीं
सौ योजन, मर्याद समुद्र की
ये कूदी गयो छन माहीं।
लंका जारी, सिया सुधि लायो
पर गर्व नहीं मन माहीं॥
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन
हम नाहीं शक्तिबाण,
लग्यो लछमन के
हाहा कार भयो दल माहीं।
धौलागिरी, कर धर ले आयो
भोर ना होने पाई॥
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन
हम नाहीं अहिरावन की
भुजा उखारी पैठी गयो मठ
माहीं। जो भैया, हनुमत नहीं
होते मोहे, को लातो जग माहीं॥
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन
हम नाहीं आज्ञा भंग,
कबहुं नहिं कीन्हीं
जहाँ पठायु तहाँ जाई।
तुलसीदास, पवनसुत महिमा
प्रभु निज मुख करत बड़ाई॥
कपि से उरिन हम नाहीं
भरत भाई, कपि से उरिन
हम नाहीं
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कपि से उरिन हम नाहीं भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Bhajans Bhakti Songs
कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Lyrics Transliteration (English)
bharat bhaee, kapi se urin
ham naaheen kapi se urin
ham naaheen bharat bhaee,
kapi se urin ham naaheen
sau yojan, maryaad samudr kee
ye koodee gayo chhan maaheen.
lanka jaaree, siya sudhi laayo
par garv nahin man maaheen.
kapi se urin ham naaheen
bharat bhaee, kapi se urin
ham naaheen shaktibaan,
lagyo lachhaman ke
haaha kaar bhayo dal maaheen.
dhaulaagiree, kar dhar le aayo
bhor na hone paee.
kapi se urin ham naaheen
bharat bhaee, kapi se urin
ham naaheen ahiraavan kee
bhuja ukhaaree paithee gayo
math maaheen. jo bhaiya,
hanumat nahin hote mohe,
ko laato jag maaheen.
kapi se urin ham naaheen
bharat bhaee, kapi se urin
ham naaheen aagya bhang,
kabahun nahin keenheen
jahaan pathaayu tahaan jaee.
tulaseedaas, pavanasut mahima
prabhu nij mukh karat badaee.
kapi se urin ham naaheen
bharat bhaee, kapi se urin
ham naaheen
कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Video
कपि से उरिन हम नाहींभरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं सौ योजन, मर्याद समुद्र की ये कूदी गयो छन माहींलंका जारी, सिया सुधि लायो Video