किसने सजाया तुमको मोहन बड़ा प्यारा लागे सावरिया

किसने सजाया तुमको मोहन॥
बड़ा प्यारा लागे सावरिया,॥
बड़ा सोहना लागे सावरिया,॥

यह हार गुलाबी सावरिया ,किसने पहनाया सावरिया,॥
यह माथ कस्तूरी सावरिया, यह तिलक लगाया सावरिया॥
सुन्दर छवि पे आ गया मन, 
बड़ा प्यारा लागे सावरिया,
बड़ा सोहना लागे सावरिया,
किसने सजाया तुमको मोहन,

अध्रो पे मुरली सावरिया, मीठी मुस्काने सावरिया॥
तेरा रूप देख के सावरिया, मैं हुई दीवानी सावरिया॥
दूल्हा सा लागे मेरा मोहन,.
बड़ा प्यारा लागे सावरिया,
बड़ा सोहना लागे सावरिया,
किसने सजाया तुमको मोहन,

मेरे श्याम सलोने सावरिया, तुझे दिल में बसा लू सावरिया॥
इस प्यारी छवि को सावरिया ,पलकों में छूपा सावरिया॥
देखु ना जग में झूठा चलन
बड़ा प्यारा लागे सावरिया,
बड़ा सोहना लागे सावरिया,

See also  Bhagavad Gita Chanting - Chapter 16 - Recited by Avinash

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