कोई नहीं मात पिता के समान भजन Lyrics, Video, Bhajan, Bhakti Songs
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कोई नहीं मात पिता के समान भजन लिरिक्स

Koi Nahi Maat Pita Ke Saman

कोई नहीं मात पिता के समान भजन लिरिक्स (हिन्दी)

कोई नहीं मात पिता के समान,
जिनको भूल के हरि को ढूंढे,
जिनको भूल के हरि को ढूंढे,
है कैसा नादान,
कोई नही मात पिता के समान।।

बालपने में इन बाहों ने,
झूला तुझे झुलाया,
खुद तो सोए गीले में आ,
सूखे में तुझको सुलाया,
ममता के आँचल में देखो,
ममता के आँचल में देखो,
कितना मिला आराम,
कोई नही मात पिता के समान।।

याद करो तुम तुतले मुख से,
बोल कहाँ पाते थे,
तुमको तो चलना कब आता था,
उठकर के गिर जाते थे,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया,
वाणी का दे दिया ज्ञान,
कोई नही मात पिता के समान।।

तुमको जरा सी खांसी हुई तो,
वैद हकीम बुलाए,
नजरे उतारी मन्नत मांगी,
देवी देव मनाए,
कितनी रातें जागी उन्होंने,
कितनी रातें जागी उन्होंने,
तुमको नहीं है ज्ञान,
कोई नही मात पिता के समान।।

अरमानों से ब्याह रचाया,
दुल्हन को घर लाए,
जितने सारे अपने थे वो,
हो गए सारे पराए,
दूध पिने वाले देखो वो,
दूध पिने वाले देखो वो,
करने लगे विषपान,
कोई नही मात पिता के समान।।

याद करो तुम मीठी लोरी,
परियों की वो कहानी,
भूल तुम प्यार की बगियाँ,
इतनी बड़ी क़ुरबानी,
मंजुल तुम नालायक निकले,
मंजुल तुम नालायक निकले,
बहुत बड़े बेईमान,
कोई नही मात पिता के समान।।

कोई नहीं मात पिता के समान,
जिनको भूल के हरि को ढूंढे,
जिनको भूल के हरि को ढूंढे,
है कैसा नादान,
कोई नही मात पिता के समान।।

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