मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं, मां हैं तो हर सहारा है,

मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं,
मां हैं तो हर सहारा है,
मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं ॥

हमको जनम देकर, उपकार किया मां ने, हैं मां का कर्ज बड़ा,
मां की चरण सेवा करते रहे नित हम, हमारा ये फ़र्ज़ बड़ा ।
जन्मी के जैसा तो,
जन्मी के जैसा तो, कोई और ना हमको प्यारा हैं ॥
मां हैं तो हर सहारा है,
मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं ॥

उंगली पकड़कर के, चलना सिखाती मां, सिखाती बोलना,
आंचल की छैय्या में, हमको सुलाती मां, सुनाकर लोरिया ।
बच्चों के लिए मां ने,
बच्चों के लिए मां ने, अपना सारा जीवन वारा है ॥
मां हैं तो हर सहारा है,
मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं ॥

बच्चों की आंखों में आ जाये आंसू तो, मां भी रोती हैं,
पुचकार कर हमको, सीने से लगाये जो, वो मां ही होती हैं ।
मां के कलेजे का,
मां के कलेजे का, टुकड़ा बच्चा आंख का तारा हैं,
मां हैं तो हर सहारा है,
मां का आशीर्वाद जग, चारो धाम से न्यारा हैं ॥

देती हैं बच्चों को, संस्कार जीने का, कर्मो का ज्ञान भी,
मां की दुवाओं से बनती हैं तकदीरें, मिलता हैं मान भी ।
चोखानी जन्मी की, 
चोखानी जन्मी की, महिमा गाता ये जग सारा हैं ॥
मां हैं तो हर सहारा है,

See also  Bhagavad Gita: Chapter 16, Verse 21

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