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मनमोहन जिस दिन से तुमने ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया लिरिक्स
Manmohan Jis Din Se Tumne Braj Vrindavan Ko Chod Diya
मनमोहन जिस दिन से तुमने ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया लिरिक्स (हिन्दी)
तर्ज पत्थर के सनम तुने हमसे जब।
मनमोहन जिस दिन से तुमने,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया,
हमने भी परदेसी लोगों से,
प्रीत लगाना छोड़ दिया,
मनमोहन जिस दिन से तुमनें,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।।
ब्रज वृंदावन की गलियों में,
तुम मुरली बजाया करते थे,
मधुबन निधिवन की कुंजन में,
तुम रास रचाया करते थे,
हम भूले नहीं गुजरी बातें,
हम भूले नहीं गुजरी बातें,
तूने हमसे नाता तोड़ दिया,
मनमोहन जिस दिन से तुमनें,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।।
वो चोरी चोरी चुपके से,
तेरा सूने घर में घुस जाना,
संग सखा गोप और ग्वाल बाल,
तेरा लूट लूट माखन खाना,
माखन चोरी की लीला ने,
माखन चोरी की लीला ने,
सारे संसार को मोह लिया,
मनमोहन जिस दिन से तुमनें,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।।
हे यशोदा नंदन ब्रज वंदन,
एक अर्जी तुमसे लगाते है,
तस्वीर तेरी मेरे मन में बसे,
गुणगान तेरा हम गाते है,
झूठी दुनिया से राजू ने,
झूठी दुनिया से राजू ने,
भी दिल का लगाना छोड़ दिया,
मनमोहन जिस दिन से तुमनें,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।।
मनमोहन जिस दिन से तुमने,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया,
हमने भी परदेसी लोगों से,
प्रीत लगाना छोड़ दिया,
मनमोहन जिस दिन से तुमनें,
ब्रज वृंदावन को छोड़ दिया।।
लेखक एवं गायक राजू बिदुआ।
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