मेरा सतगुरु हो दातार काट दो फंदा लिरिक्स
Mera Satguru Ho Datar Kaat Do Fanda
मेरा सतगुरु हो दातार काट दो फंदा लिरिक्स (हिन्दी)
मेरा सतगुरु हो दातार,
काट दो फंदा,
मुझको सुजे नाय,
जन्म का अँधा।।
मुल कमल के माय,
गुणेशा बंदा,
रिद्धि सिद्धि ढोले भाव,
होवे आनन्दा।।
ससी बाण के बीच,
खेल कर बंदा,
खट स्वासा माय,
हरी तो जिंदा।।
पिला रंग पछाण,
चार है झंड़ा,
चारुं की पांख पछाण,
गाजरी गंगा।।
वांका दर्शन पाए,
होवे अणंदा,
गावे गोरख नाथ,
रुप सोअंगा।।
मेरा सतगुरु हो दातार,
काट दो फंदा,
मुझको सुजे नाय,
जन्म का अँधा।।
मेरा सतगुरु हो दातार काट दो फंदा Video
मेरा सतगुरु हो दातार काट दो फंदा Video
गायक प्रेम रावल जी सूराज।
प्रेषक प्रहलाद नाथ बागजणा।
भीलवाड़ा राजस्थान।
9571438243