Mere shyam dhani ki morchadi – Khatu shyam Bhajan by Shyam Agarwal
कहा से आए मोरछडी ॥
इसके बिना न हिलते मेरे खाटू वाले श्याम धनि,
कहा से आए मोरछडी॥
राधा से जब श्याम का मिल्न हुआ,
मोर पंख को उपहार दिया है,
कैसी लगी यह मोर पंखडी राधा पूछे खड़ी खड़ी,
कहा से आए मोरछडी………………..
ओ सुन लो मेरी राधा प्यारी बनू गा मोर मुक्त मैं धारी,
कभी न शीश से ये उतरे गी बोले है राधा से हरी,
कहा से आए मोरछडी…………….
श्याम को बार बार एक है गाया,
मोर पंख माथे पर लगाया,
खाटू में जब तू प्रगटे गा कलयुग की घडी,
कहा से आए मोरछडी…………….
पंख से बनी यह मोर छड़ी है श्याम पे इसकी किरपा घनी है,
संकट उसके कट जाते है जिस के सिर पर तेरी पड़ी,
कहा से आए मोरछडी