मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली मेरे मोहन दी वजदी कमाल कर गयी
जमाना सारा बदल गया, जदो होंठा उत्ते श्याम धर लई

मुरली दी तान सुन के इन्दर दा सिंघासन डोलिया,
अर्शा तोह आये देवते, जीवा दी समाधी खुल गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी…

मुरली दी तान सुन के जंगला दे पशु पक्षी, 
वे चलदे चलदे रुक नी गए यमुना दी लहर ठहर गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी…

मुरली दी तान सुन के दौड़ी आईया सारी सखियाँ,
घर बार छूट नी गए सुध बुध सारी भूल गयी ।
मुरली मेरे मोहन दी…

मुरली दी तान सुन के रास मंडल रचिया,
एक एक सखी ते मोहन सारेया दी जोड़ी रल गयी ।

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