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औंधलो आरची ने क्या रे करे मारवाड़ी देसी भजन लिरिक्स
Ondhalo Aarchi Ne Kya Kare
औंधलो आरची ने क्या रे करे मारवाड़ी देसी भजन लिरिक्स (हिन्दी)
औंधलो आरची ने क्या रे करे,
अरे पैली रे ऊपाई बाबो धरतरी,
पचे पवनाने पौणी,
ए पैली पैली नाम गुणेश रो,
रिद्धि सिद्धी आगल वौणी,
ए वरतन जोये वसतू वॉरीये हाॅ हाॅ,
ज्यों रे माय अवगुण नहीं आवे,
अणेचो नहीं आवे हो नाथजी।।
औंधलो आरची ने क्या रे करे,
क्या करे मुरख रे माला,
ए गाफल तस्वीरों ने क्या करे,
घट में घोर अंधेरा,
ए वरतन जोये वसतू वॉरीये हाॅ हाॅ,
ज्यों रे माय अवगुण नहीं आवे,
अणेचो नहीं आवे हो नाथजी।।
ए काचेरे घड़े नीर ना ठंबे,
काचे कागद में पारा,
ए बुगलो मोतीड़ों नें क्यारे करे,
मोतीड़ा हंचलों रा चारा,
ए वरतन जोये वसतू वॉरीये हाॅ हाॅ,
ज्यों रे माय अवगुण नहीं आवे,
अणेचो नहीं आवे हो नाथजी।।
ए अरे बिनारे दीपक रा कैसा,
कैसा त्राटी रे ताला,
ए बिना रे किरीया योगी कैसा,
ज्योंरे मौय नीर भरीया खारा,
ए वरतन जोये वसतू वॉरीये हाॅ हाॅ,
ज्यों रे माय अवगुण नहीं आवे,
अणेचो नहीं आवे हो नाथजी।।
ए बिना रे फरजण कैसी मावड़ी,
किणविद आवेला पौना,
ए बाबो रे डूंगर पुरी बोलीया,
संतों सही कर लेणा,
ए वरतन जोये वसतू वॉरीये हाॅ हाॅ,
ज्यों रे माय अवगुण नहीं आवे,
अणेचो नहीं आवे हो नाथजी।।
गायक जोग भारती जी।
प्रेषक प्रवीण वन गोस्वामी काठाड़ी।
औंधलो आरची ने क्या रे करे मारवाड़ी देसी भजन Video
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