रिश्ता हमारा श्याम से कितना अजीब है भजन लिरिक्स

रिश्ता हमारा श्याम से,
कितना अजीब है,
बैठा तू खाटू धाम में,
फिर भी करीब है,
रिश्ता हमारा श्याम सें,
कितना अजीब है।।



हर रोज तेरी किरपा को,
महसूस कर रहा,
हर मुश्किलों से सांवरा,
हस हस के लड़ रहा,
तेरे भरोसे सांवरे,
तेरा ये जीव है,
बैठा तू खाटू धाम में,
फिर भी करीब है,
रिश्ता हमारा श्याम सें,
कितना अजीब है।।



इज्जत को मेरे सांवरे,
लूटने नहीं दिया,
हारा कई दफा मगर,
गिरने नहीं दिया,
मेरे करम पे सांवरे,
तू ही सरीख है ,
बैठा तू खाटू धाम में,
फिर भी करीब है,
रिश्ता हमारा श्याम सें,
कितना अजीब है।।



गुणगान तेरे कर सकूं,
ऐसा हुनर दिया,
‘शिवम’ नहीं था लायक,
फिर भी ये वर दिया,
औरो की बात क्या कहूं,
मेरा नसीब है,
बैठा तू खाटू धाम में,
फिर भी करीब है,
रिश्ता हमारा श्याम सें,
कितना अजीब है।।



रिश्ता हमारा श्याम से,
कितना अजीब है,
बैठा तू खाटू धाम में,
फिर भी करीब है,
रिश्ता हमारा श्याम सें,
कितना अजीब है।

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