Sanwaliya tera mujhko by Sanju Sharma Bhajan
Sanwaliya tera mujhko by Sanju Sharma Bhajan

Sanwalie tera mujhko by Sanju Sharma Bhajan

सांवलिये तेरा मुझको,
दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए
।।


कैसे चलेगी मोहन,

तूफान में नैया,
तूफान में नैया,
हो जाए एक इशारा,
भव पार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।

सांवलिये तेरा मुझकों,
दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।।


ख्वाहिश मेरे जीवन की,

ज्यादा बडी नही,
ज्यादा बडी नही,
बस तेरी किरपा मुझपे,
इक बार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।

सांवलिये तेरा मुझकों,
दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।।


खाली नही जाऊंगा,

जिद पे अड़ा हूँ श्याम,
जिद पे अड़ा हूँ श्याम,
देखूं दयालु कैसे,
इंकार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।

सांवलिये तेरा मुझकों,
दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।।


कर दे मुरादे पूरी,

बस इतना सोच कर,
बस इतना सोच कर,
‘बनवारी’ मुझे भी तेरा,
ऐतबार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।

सांवलिये तेरा मुझकों,
दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।।


सांवलिये तेरा मुझको,

दीदार हो जाए,
उजड़ा चमन फिर से,
मेरा गुलजार हो जाए।।

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