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Experience the divine essence and moral strength of a virtuous woman through the powerful bhajan “Sati Nari Ka Sat Balwan” sung by Bhagwat Acharya Swami Deepguru Ji Maharaj. With soulful music composed by Dinesh Dabur and visual storytelling directed by Vimal Sharma, this song is a spiritual journey that resonates deeply with traditional values.
Presented by Unix Music, let this devotional offering inspire your soul and connect you to the eternal virtues of faith and righteousness. 🙏🎶
सती नारी का सत बलवान जिनसे हार गए भगवान लिरिक्स (हिन्दी)
सती नारी का सत बलवान,
दोहा पति परमेश्वर एक है,
सुनो सखी चीत लाय,
ताकि सेवा कीजिए,
और ना कोई उपाय।
सती नारी का सत बलवान,
जिनसे हार गए भगवान।।
सुनिएगा जरा गौर से वो ये सच्ची कहानी,
वो ब्रम्हणी वो लक्छमी वो गौरा थी रानी,
ब्रम्हा महेश विष्णु से यू कर के बहाने,
बन ठन के चली तीनो सती मिल के नहाने,
जा पहुंची क्षीर सागर तीनो सती नारी,
अस्नान लगी करने वो हो हो के उघारी,
इतने में टहलते हुए नारद जी आ गये,
देखा नहाते नग्न बिचारे लजा गए,
हुए नारद बड़े परेशान,
जिस से हार गए भगवान।।
मुंह फेर के नारद मुनि ने अपना यू कहा,
यू नग्न नहाना कहो किस वेद में लिखा,
एक बताता हु तुम्हे आज देवियों,
सतियो का पहला सत है शर्म लाज देवियों,
अनसुईया को तो जानती होगी जरूर,
तुम हो उसकी नही देवियों चरणों की धूल,
तुम से उत्तम है उसकी शान,
जिस से हार गए भगवान।।
नारद मुनि की सुनके ये जहर भरी बोली,
तीनो सती के मन में लगी जिस तरह गोली,
घर जाके आपने पतियों से कहने लगी कथन,
सैया जो हमे चाहो तो मानो मेरा वचन,
अंनसुइया का सतभंग जो तुम ना करो पिया,
तज देंगे प्राण फोड़ के पत्थर पे सर पिया,
तीनो वो तिरिया हठ से लाचार हो गए,
अंनसुइया के घर जाने को तैयार हो गए,
हुए भगवन बड़े परेशान,
अब हार गए भगवान।।
साधु का भेस धर के चले तीनो देवता,
बालू से अपने अपने कमंडल को भर लिया,
जा पहुंचे तीनो साधु अंनसुइया के द्वारे,
भूखे है कई रोज से ये मिल के पुकारे,
अनसुईया का ये सुनके वचन दिल तड़प उठा,
अनसुईया ने कर जोड़ के तीनो से ये कहा,
आसन लगाओ बाबा मैं भोजन बनाऊंगी,
खाने की जो इच्छा है वो फ़ौरन बनाऊंगी,
भूखे जाए ना मेरे मेहमान,
जिससे हार गए भगवान।।
अनसुईया के सुन के खुसामद भरा वचन,
तीनो ही महात्मा हुए दिल में बड़े मगन,
आगे बढ़ा के तीनो कमंडल लगे कहने,
बिन जल अगन के बालू का हलवा बने,
मानो हमारी सर्त खिलाना है जो खाना,
साधु के आशीर्वाद से तुम भरलो खजाना,
अनसुईया ने फिर सच का करिश्मा दिखा दिया,
बालू जो कमंडल में था हलवा बना दिया,
सच के पलड़े में तुलता ईमान,
जिससे हार गए भगवान।।
फिर कहने लगी हलवा है तैयार लीजिए,
किस बात की है देरी प्रभु अब तो लीजिए,
बोले वो और एक है सर्त हमारी,
कपड़े उतारो तन के और होजाओ उघारी,
फिर होके नग्न वेश में तीनो को बिठाओ,
हलुआ फिर अपने हाथ से तीनो को खिलाओ,
अंनसुइया मारे क्रोध के गुस्से में जल गई,
साधु है या सैतान मन में सोचने लगी,
ईश्वर का किया ध्यान तो उसको हुई खबर,
ये तीनो साधु ब्रम्हा विष्णु और है शंकर,
छलने आए है मेरा ईमान,
जिससे हार गए भगवान।।
अनसुइया ने फिर सत का करिश्मा दिखा दिया,
तीनो को छै महीने का बालक बना दिया,
बालक बने उन्हें तो कई दिन गए गुजर,
ब्रम्हा महेश विष्णु जब वापस ना गए घर,
तब उनकी तीनो नारिया चिंतित बहुत हुई,
अपने पति को ढूंढने घर से निकल गई,
जा पहुंची तीनो नारिया अनसुईया के द्वारे,
कहने लगी आए क्या पति देव हमारे,
अनसुइया बोली कौन हो आई हो कहां से,
तीनो सती ने मिल के कहा दबती जुवां से,
ये ब्रम्हनी ये लक्ष्मी ये पार्वती है,
ब्रम्हा महेश विष्णु हम तीनो के पति है,
अनसुइया गई पहचान,
जिससे हार गए भगवान।।
अनसुईया बोली साधु तीन आए है कोई,
पहचान लो यही है या फिर दूसरे कोई,
ले जाके तीनो साथ में पलना दिखा दिया,
तीनो सती को देख के अचरज बहुत हुआ,
अनसुईया बोली सोचती हो क्या बताओ तुम,
सतवंती हाे तो सच का करिश्मा दिखाओ तुम,
हुई तीनो बड़ी परेशान,
जिससे हार गए भगवान।।
तीनो ने हाथ जोड़ के अनसुईया से कहा,
अपराध हो गया है बहन करदो अब छमा,
अनसुइया ने भगवान को सुमिरा जो एकबार,
आए है असली रूप में होने लगी जैकार,
ब्रम्हा महेश विष्णु ने बोले यही बानी,
अनसुईया तेरे सत का जग में कोई नही सानी,
फिर हसते हुए लौट गए तीनो ही प्राणी,
खंजर कलम को रोकी हुई खत्म कहानी,
अनसुईया तू जग में महान,
जिस से हार गए भगवान।।
सती नारी का सत बलवान,
जिनसे हार गए भगवान।।
सती नारी का सत बलवान जिनसे हार गए भगवान Video
सती नारी का सत बलवान जिनसे हार गए भगवान Video
Song Details
Title: Sati Nari Ka Sat Balwan
Singer: Bhagwat Acharya Swami Deepguru Ji Maharaj
Music: Dinesh Dabur
Video Director: Vimal Sharma
Label: Unix Music