Shri Shyam Dhani Ki || Superhit Syam Baba Song || || Lakhbir Singh Lakha #Saawariya
श्री श्याम धनि की जिश घर में, यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
जो रोज सबेरे उठ करके, श्री श्याम को शीश नवाते है,
जो नाम श्याम का लेकर के ही, घर से बाहर जाते है,
जो रोज सबेरे उठ करके, श्री श्याम को शीश नवाते है,
जो नाम श्याम का लेकर के ही, घर से बाहर जाते है,
ज्योति की भभूति श्रद्धा से, ज्योति की भभूति श्रद्धा से, माथे पे लगाई जाती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
जहा श्याम को भोग लगाकर के, भोजन को परोसा जाता है,
उस भोजन को कम ना समझो, वो तो प्रसाद बॅन जाता है,
जहा श्याम को भोग लगाकर के, भोजन को परोसा जाता है,
उस भोजन को कम ना समझो, वो तो प्रसाद बॅन जाता है,
उसके तो एक- एक दाने मेी, उसके तो एक- एक दाने मेी, श्री श्याम कृपा मिल जाती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
जो मॅन के सकचे भाओ से, श्री श्याम को भजन सुनाते है,
कैसा उनका दीवानापन, तंन मॅन की सुध बिसराते है,
जो मॅन के सकचे भाओ से, श्री श्याम को भजन सुनाते है,
कैसा उनका दीवानापन, तंन मॅन की सुध बिसराते है,
जहा माता अपने बाकचो से, जहा माता अपने बाकचो से, श्री श्याम श्याम बुलवाटी है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
ऐसे प्रेमी के घर मेी तो, मेरा श्याम धनी बस जाता है,
उस घर की चिंता श्याम करे, घर का मलिक बन जाता है,
ऐसे प्रेमी के घर मेी तो, मेरा श्याम धनी बस जाता है,
उस घर की चिंता श्याम करे, घर का मलिक बन जाता है,
बिन्नु उस घर के कन- कन से, बिन्नु उस घर के कन- कन से, मंदिर की खुश्बू आती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
श्री श्याम धनि की जिश घर में, यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
बिन्नु उस घर के कन- कन से, बिन्नु उस घर के कन- कन से, मंदिर की खुश्बू आती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,
श्री श्याम धनि की जिश घर में, यह ज्योत जगाई जाती है,
उस घर का भागातो क्या कहना, हर पल ख़ुसीया मुस्काती है,