गणपत गरवा ओपरा रे सिंवरो भाई संतो भजन लिरिक्स Ganpat Garva Opera Re Rajasthani Bhajan गणपत गरवा ओपरा रे सिंवरो भाई संतो भजन लिरिक्स (हिन्दी) गणपत गरवा ओपरा रे, सिंवरो भाई संतो। श्लोक सौ सौ चन्दा ऊगवे, सूरज तपे हजार, इतरा चानण होत भी, गुरू बिना घोर अन्धकार। गणपत गरवा ओपरा रे, सिंवरो भाई संतो, […]