घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल लिरिक्स Ghar Ki Jaruraton Ne Musafir Bana Diya घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना दिया गजल लिरिक्स (हिन्दी) घर की जरूरतों ने, मुसाफिर बना दिया।। दोहा रस्ते भर रो रो कर पूछा, हमसे पांव के छालों ने, बस्ती कितनी दूर बसा ली, दिल में बसने वालों ने। […]