भरा सत्संग का दरिया नहालो जिसका जी चाहे भजन लिरिक्स Bhara Satsang Ka Dariya Naha Lo Jiska Ji Chahe भरा सत्संग का दरिया नहालो जिसका जी चाहे भजन लिरिक्स (हिन्दी) भरा सत्संग का दरिया, नहालो जिसका जी चाहे।। दोहा एक घड़ी आधी घड़ी, आधी में पुनिआध, तुलसी सत्संग साध कि, कटे करोड़ अपराध। भरा सत्संग […]