भूल गया मानव मर्यादा जब कलयुग की हवा चली लिरिक्स Bhul Gaya Manav Maryada भूल गया मानव मर्यादा जब कलयुग की हवा चली लिरिक्स (हिन्दी) तर्ज: क्या मिलिए ऐसे लोगो। भूल गया मानव मर्यादा, जब कलयुग की हवा चली, धूप कपुर ना बिके नारियल, दारू बिक रही गली गली।। मर्यादा ना करे बड़ो की, दारू […]